कहाँ गये वो दोस्त, जो हरदम याद किया करते थे...,
जान - बुझकर न सही, मगर भूले से भी मेल किया करते थे...,
खुशी और गम में हमारा साथ दिया करते थे...,
लगता है सब खो गया है ... प्रोजेक्ट्स की डेड्लाइन्स में...,
न अपनी न हमारी, जाने किसकी यादों में...,
ज़िन्दगी को भुला चुके हैं, नौकरी की आड में...,
हरदम फ़ँसे रहते है, अपने पी.एम. के जाल में...,
कभी आओ मिलो हमसे, बैठकर बाते करो...,
दर्द - ए- दिल अपना कहो, हाले - ए - दिल हमारा सुनो...,
क्या रंजिश, क्या है शिकवा, क्या गिला और क्या खता... ;
हम भी जाने तुम भी जानो, आखिर क्या मंज़र क्या माजरा...,
बस भी करो अब...
कह भी दो, अपने दिल का हाल,
क्या करोगे खामोश रहकर
जो चली गई ये ज़िन्दगी, चला गया ये कारवां...;
जागो प्यारे...! अब बस भी करो,
सिर्फ़ काम नही, थोडा ज़िन्दगी को भी महसूस करो...,
खाओ, पिओ, हँसो, गाओ, झूमों, नाचो, मौज करो...,
हकीकत में ना भले पर कम - से - कम ...
.. भूल से ही सही हमें याद तो करो...
हम तो हरदम देंगे यही दुआ आपको..
याद न भी करो तो क्या, चलो, एन्जॉय ही करो
Monday, October 8, 2007
ऑर्कुट पर प्रेस क्लब
ऑर्कुट पर प्रेस क्लब
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एकटा नया सर्वे आयल अछि... सर्वे के कहवाक छै जे भारत में इंटरनेटक इस्तेमाल करय वाला करीब आधा लोगसोशल नेटवर्किंग में अपन समय बिताबय छथिन्ह... एहि मामला में ऑर्कुट नम्बर १ पर अछि... एकर बाद डेटिंगआओर वैवाहिक साइट सभ के नंबर अछि...आई काल्हि ऑर्कुट पर नेटवर्किंग के जोर पकड़ल अछि... मेट्रो सS लक छोट छोट शहर...गांव घर तक ऑर्कुट अपन पक़ड बनौले जा रहल अछि...कोनो साइबर कैफे में चलिजाउ...आधा स ज्यादा लोग ऑर्कुटियाब में लगल मिल जाइत....ओना एकर फायदा सेहो बड़ छै...दोस्त सभ खूबबनय छै...अहांक संगी सभ जे बिछुड़ गेल छथि...बहुत दिन स भेट घांटि नहिं बेल छै...ऑर्कुट के माध्यम ससम्पर्क में बनल रहि सकय छी...मुदा ऑर्कुट पर चिरकुटौय सेहो कम नहिं भ रहय अछि...हाल फिलहाल में कईटाएहन कांड भ गेल अ जहि स एकरा ऊपर सवाल सेहो उठय लागल अई...ई क्राइम... सेक्स...देह व्यापार के सहायकसेहो बनल जा रहल अछि...
एहि पर लोग सभ अपन अपन कम्युनिटी सेहो बनौले छथि...अपन विचारधारा...धर्म...जात... रोजगार...कामकाजस जुड़ल कम्युनिटी बनल अछि...ई लोक सभ के एकटा प्लेटफॉर्म उपलब्ध करबावय छै...
ऑर्कुट स हमहुं जुड़ल छी आओर मिथिलाक कम्युनिटी स सेहो जुड़ल छी...
असल में मिथिलांचल स सैकड़ों मिल दूर आबि हम सभ अपन अपन काम काज में लागल छी...एहि के कतेकहमर पत्रकार भाई लोकनि सेहो छैथि...सूचनाक आदान प्रदान जे हमर सभक शौक छल आब ओ पेशा बनि गेलअछि... आओर खबरक आपाधापी के बीच हम अपन लोक...गाम घर के नहिं भूलि....अपन पुरनका याद के जीवितराखि एकरा लेल मिथिलांचल प्रेस क्लब एकटा माध्यम बनि सकय अछि...अहां दुनिया के कोनो कोना में होय ईमंच के मार्फत आपस में मिल जुल सकय छी...अपन विचार रखि सकय छी...मीडिया के अंदर के खबर एक दोसरस शेयर क सकैत छी...मिथिलांचल विकासक बात के साथ साथ अपन लोक सभ के ईहो बता सकय छियए जेकोन जगह नौकरी के लेल लोक के जरूरत छै...ई मंच के माध्यम स हम पत्रकारिता स रूचि रखय वाला लोक सजुड़ि त सकय छी साथे...जे एहि क्षेत्र में आगा बढ़य चाहैत छैथि हुनका मार्गदर्शन सेहो क सकैत छी...त आउ एहिमंच पर अहांक स्वागत अछि...
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