Friday, August 31, 2007

तुम तो ठहरे औरकुटवाले..

बप्पी दा इश्टाईल:
औरकुटिंग बिना चैन कहां रे…
स्करैपिंग बिना चैन कहां रे…
सोना नहीं चांदी नहीं,
औरकुट तो मिलाअरे औरकुटिंग कर ले….…
अल्ताफ राजा शैली:
तुम तो ठहरे औरकुटवाले..साथ क्या निभाओगे…
सुबह पहले..सुबह पहले मौके पेनेट पे बैठ जाओगे…
तुम तो ठहरे औरकुटवाले…साथ क्या निभाओगे..…
जॉनी वॉकर माफ़िक:
जब सर पे ख्याल मंडराएं,और बिल्कुल रहा ना जाए..
आजा प्यारे औरकुट के द्वारे,काहे घबराए… काहे घबराए…
सुन सुन सुन, अरे बाबा सुनइस औरकुटिंग के बड़े बड़े गुनहर औरकुटर बन गया है पंडितगूगल भी थर्राए…काहे घबराए… काहे घबराए…

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो

आज एक बार फ़िर सुरज को उगता देखो
और चान्द को चान्दनी रात मे जागता देखो
क्या पता कल ये धरती
चान्द और सुरज हो ना हो
आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो
आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ
क्या पता कल ये बातेऔर ये यादें हो ना हो
आज एक बार मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो
बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो ना हो
आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो
आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो
क्या पताकल हो ना हो ….

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती