Friday, August 31, 2007

तुम तो ठहरे औरकुटवाले..

बप्पी दा इश्टाईल:
औरकुटिंग बिना चैन कहां रे…
स्करैपिंग बिना चैन कहां रे…
सोना नहीं चांदी नहीं,
औरकुट तो मिलाअरे औरकुटिंग कर ले….…
अल्ताफ राजा शैली:
तुम तो ठहरे औरकुटवाले..साथ क्या निभाओगे…
सुबह पहले..सुबह पहले मौके पेनेट पे बैठ जाओगे…
तुम तो ठहरे औरकुटवाले…साथ क्या निभाओगे..…
जॉनी वॉकर माफ़िक:
जब सर पे ख्याल मंडराएं,और बिल्कुल रहा ना जाए..
आजा प्यारे औरकुट के द्वारे,काहे घबराए… काहे घबराए…
सुन सुन सुन, अरे बाबा सुनइस औरकुटिंग के बड़े बड़े गुनहर औरकुटर बन गया है पंडितगूगल भी थर्राए…काहे घबराए… काहे घबराए…

4 comments:

गौरव गगन - Gaurav Gagan said...

hi hello how r u

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

क्या बात है वह वह आप का कलम परिंदे की तरह अक्षर मिलारही हे ऑरकुट की ऊपर इसे फसबूक मे लगिय तो ऑरकुट ही बचेगी फसबूक चला

गौरव गगन - Gaurav Gagan said...

Sri: Nice Saying... But slightly mistakes in Hindi..